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नमन श्रीधर
वाराणसी कहें या कहें बनारस , हर बार जब भी इस शहर का नाम सुनाई देता है, तब हमारे दिमाग में गंगा के घाट , काशी विश्वनाथ मंदिर , और यहाँ का वर्ल्ड फेमस पान याद आता है|
इसे प्राचीन शहर और भगवान शिव
कि नगरी काशी के नाम से जाना जाता है , पर क्या आप जानते है कि
आखिर ये शहर है कितना पुराना ? वाराणसी कि प्राचीनता से
जुड़े कई मिथ और मान्यताएँ मौजूद है|
चलिए जानते है ये कहानियाँ
(Source:http://www.imgrum.org/user/mahadev_shiv_shambo/2198176704/1433490675835406551_2198176704)
(शिव महापुराण) के अनुसार
कई मान्यताओं में से एक भगवान शिव से जुड़ी है | एक बार कि बात है जब भगवान ब्रहमा ने शिव जी से झूठ बोला था जिससे क्रोधित होकर उन्होंने ब्रहमा
जी का पांचवा सर काट दिया था |
(जी हाँ आपन सही सुना उस
समय ब्रहमा जी के पांच सर हुआ करते थे )
(Source: https://www.pinterest.com/pin/52424783137559026/?lp=true)
ब्रहमा जी का पांचवा सर काटने के महादेव पर
ब्रह्महत्या का पाप चढ़ गया था| जिसके कारण ब्रहमा जी का
कटा हुआ सर भगवन शिव के दाएं हाथ
से चिपक गया था| वे इससे छुटकारा पाने के लिए वे कालभैरव के रूप
लेकर यहाँ से वह भटकने लगे| पर जब वे इस काशी (बनारस) आते हसी तब उनके हट से ब्रहमा जी का सर अपने
आप अलग हो जाता है |
(Source: http://masadiary.info/pages/r/rudra-shiva-wallpaper-life-ok/)
और वे पाप मुक्त हो जाते है | तब से उन्होंने काशी में निवास कर
लिया| इसलिए आज भी कहा जाता है कि काशी भगवान शिव के त्रिशूल पे टिकी है |
वामन पुराण के आनुसार ये पता चलता है कि वरुणा
और अस्सी नदी प्राचीन समय से यहाँ बहती है | उत्तर कि ओर वरुणा और
दक्षिण कि ओर अस्सी | तो इस तरह इस शहर का नाम पड़ा वाराणसी |
- · इस शहर के दूसरा नाम है काशी , काशी कश शब्द से निकलता है , जिसका मतलब है उज्जला |
- · अविमुक्त , अनाद्कानन , सुदार्सना, रम्या ये सभी बनारस के ही नाम है |
जैसे कि एक प्रसिद्ध लेखक मार्क ट्वेन ने कहा है ;
‘बनारस’ इतिहास से पुराना, रीति रिवाजों से पुराना ,मान्यताओं से भी पुराना
और देखने में इन सभी को मिलके दोगुना पुराना लगता है|
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